Friday, 9 February 2018

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 for mppsc

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
• यह अधिनियम 28 सितम्बर 1993 से प्रवृत्त हुआ समझा जायेगा.
• यह अधिनियम वर्ष 2006 से संशोधित रूप में लागू है.
• इस अधिनियम में कुल 43 धाराएँ तथा 8 अध्याय हैं.
• आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है.
• आयोग का अध्यक्ष उच्चतम न्यायलय का सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश हो सकता है.
• अधिनियम की धारा 4 में अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान है. आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति 5 वर्ष के लिए या 70 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक, जो भी पहले हो, के लिए होती है. आयोग का सदस्य पुनः 5 वर्ष के लिए नियुक्त होने का पात्र होता है.
• अधिनियम की धारा 5 आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों के त्यागपत्र और हटाये जाने का प्रावधान करती है.
• आयोग के सदस्य अपने पद पर रहने के बाद राज्य अथवा कंद्र सरकार के किसी पद पर नियुक्त नहीं हो सकते.
• कोई राज्य सरकार अपने राज्य में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन कर सकती है.
• राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी.
• केंद्रीय आयोग केंद्र सरकार तथा राज्य आयोग राज्य सरकार को वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.
• राष्ट्रीय तथा राज्य आयोग उन मामलों की जांच नहीं कर सकेंगे जो एक वर्ष से अधिक पुराने हों.
• राज्य सरकार प्रत्येक मानव अधिकार न्यायलय के लिए एक लोक अभियोजक की नियुक्ति कर सकेगी. लोक अभियोजक होने के लिए 7 वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में विधि-व्यवसाय का अनुभव आवश्यक है.

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