Tuesday 18 July 2017

Static G.K

Q.1.सतलज, चिनाब और रावी किसकी सहायक नदियां हैं
ans:सिन्धु नदी
Q.2.जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में महात्मा गांधी ने कौन-सी उपाधि लौटा दी थी ?
ans:कैसर-ए-हिंद उपाधि
Q.3.सोमनाथ’ किस राज्य में स्थित है
ans:गुजरात
Q.4.पर्यटक स्थल ‘सूरजकुंड’ किस राज्य में स्थित है
ans:हरियाणा
Q.5.जलियांवाला बाग हत्याकांड की जांच के लिए कांग्रेस द्वारा बनायी गयी समिति के अध्यक्ष कौन थे ?
ans:मदनमोहन मालवीय ।
Q.6.किस ग्रह का औसत घनत्व सबसे अधिक है
ans: वृहस्पति ।
Q.7.कुषाण काल में सबसे अधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ
ans:वास्तुकला ।
Q.8.किसने एयर ब्रेक का आविष्कार किया था
ans:जार्ज वेस्टिंगहाउस ।
Q.9.एबेल पुरस्कार किस क्षेत्र में प्रदान किया जाता है
ans:गणित
Q.10.कौन-सा तत्व पृथ्वी में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है
ans:ऑक्सीजन
Q.11.‘अलास्का’ किस देश का भाग है
ans:संयुक्त राज्य अमेरिका
Q.12.थोक मूल्य सूचकांक’ किस मंत्रालय से सम्बद्ध है
ans:उद्योग मंत्रालय
Q.13. नागरिकता के संबंध में संविधान के किस भाग में उल्लेख है
ans: भाग-2 में ।
Q.14.‘डंडानाट’ किस राज्य का लोकप्रिय लोकनृत्य है
ans:ओडिशा का
Q.15.टमाटर में कौन-सा विटामिन पाया जाता है
ans:विटामिन ‘सी
Q.16.कोयला किस प्रकार का चट्टान है
ans: परतदार चट्टान
Q.17.कौन-सा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ‘ग्रीन ऑस्कर’ के नाम से जाना जाता है ?
ans:गोल्डन पांडा पुरस्कार
Q.18.‘‘गिरा अनयन नयन बिनु बानी’’ किस कवि की उक्ति है
ans: तुलसीदास
Q.19. वसा की अधिकता से कौन-से रोग होते हैं
ans:मोटापा व उच्च रक्तचाप
Q.20.‘बीबी का मकबरा’ किसने बनवाया
ans:औरंगजेब
Q.21.इंडियन मिरर’ का प्रकाशन किस वर्ष से प्रारंभ किया गया ?
ans:1861 ई.
Q.22.ओडिशा उपन्यास ‘सौदमनी’ के कौन उपन्यासकार हैं ?
ans:रामशंकर राय
Q.23. पृथ्वी की तीन संकेन्द्रीय परतों में कौन-सी परत मध्यवर्ती परत है ?
ans: मैंटल
Q.24.‘शक् संवत’ किसने चलाया
ans:कनिष्क
Q.25.जन्म-दर और मृत्यु-दर के अंतर के परिणाम को क्या कहा जाता है
ans:जनसंख्या की वृद्धि-दर
Q.26.यूरोपा’ किस ग्रह का उपग्रह है
ans:वृहस्पति ।
Q.27.एसोसिएटेड प्रेस किस देश की समाचार एजेंसी है
ans:अमेरिका
Q.28. संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार महान्यावादी की व्यवस्था की गई है ?
ans:अनुच्छेद 76
Q.29.एक मिनट में मानव हृदय सामान्यतः कितनी बार धड़कता है ?
ans:72 बार
Q.30.दूरबीन की आविष्कार किसने किया था
ans:गैलिलियो
Q.31.एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज’ कहां स्थित है ?
ans:बंगलुरू
Q.32.सर्वाधिक शुह् सोना कितने कैरेट का होता है ?
ans: 24 कैरेट ।
Q.33. योजना आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष कौन थे ?
ans:गुजजारी लाल नंदा
Q.34.ताजमहल’ का निर्माण करनेवाला मुख्य स्थापत्य कलाकार कौन था ?
ans:उस्ताद अहमद लाहौरी
Q.35.सीमेंट उत्पादन में किस राज्य का भारत में प्रथम स्थान है ?
answer<राजस्थान/span>
36.राजनीतिक दलों का पंजीकरण किसके द्वारा किया जाता है ?
ans:निर्वाचन आयोग द्वारा
Q.37.राष्ट्रीय विकास परिषद् का गठन कब किया गया था ?
ans:6 अगस्त, 1952
Q.38.वर्साय की संधि कब हुई
ans: 28 जनू, 1919 ई.
Q.39.गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक किसे माना जाता है
ans:बिस्मार्क को
Q.40.ऑस्ट्रिया, जर्मनी एवं इटली के मध्य त्रिगुट का निर्माण कब हुआ
ans: 1882 में

Tuesday 11 July 2017

मध्यप्रदेश का रूप रखा "अतुल्य भारत का हृदय"

रूपरेखा

3,08,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के साथ मध्यप्रदेश, राजस्थान के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यह भारत के उत्तर-मध्य हिस्से में बसा प्रायद्वीपीय पठार का एक हिस्सा है, जिसकी उत्तरी सीमा पर गंगा-यमुना के मैदानी इलाके है, पश्चिम में अरावली, पूर्व में छत्तीसगढ़ मैदानी इलाके तथा दक्षिण में तप्ती घाटी और महाराष्ट्र के पठार है।

मध्यप्रदेश की स्थलाकृति नर्मदा-सोन घाटी द्वारा सुनिश्चित होती है। यह एक संकीर्ण और लंबी घाटी है, जिसका विस्तार पूरे राज्य में पूर्व से पश्चिम तक फैला हुआ है। सोन घाटी से ऊपरी भाग बनता है, शहडोल और सीधी जिलें इस घाटी में बसे हैं। निचले हिस्से से नर्मदा घाटी बनती है। यहां की औसत ऊंचाई एमएसएल से ऊपर 300 मीटर है और यहां की भूमि जलोढ़ मिट्टी से आच्छादित है। इस क्षेत्र में जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, खंडवा, खरगोन और बड़वानी जिले आते है। सोन घाटी से नर्मदा घाटी संकरी है और तुलनात्मक रूप से जमा जलोढ़ भी खराब और पतला है, इसलिए कृषि गतिविधियों के लिए सोन घाटी की तुलना में नर्मदा घाटी अधिक महत्वपूर्ण है। घाटी के उत्तर में मध्यवर्ती पहाड़ी इलाक़ा, दक्षिण में सतपुड़ा-मैकल पर्वतमाला और दक्षिण-पूर्व में पूर्वी पठार है। राज्य इन तीन हिस्सों में, प्राकृतिक भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित है | केन्द्रीय पहाड़ी इलाक़े, नर्मदा-सोन घाटी और अरावली पर्वतमाला के बीच त्रिकोणीय रूप में पश्चिम में फैले हुए हैं। पहाड़ी इलाक़े उत्तर की ओर ढलते हुए यमुना में समा जाते है। राज्य के केन्द्रीय पहाड़ी इलाक़े, निम्नलिखित चार ऊपरी भूभाग में शामिल हैं: विंध्य पठार के रूप में भी पहचाना जानेवाला रीवा-पन्ना पठार, केन्द्रीय पहाड़ी इलाक़ों के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। इस क्षेत्र में बहनेवाली मुख्य नदियों में केन, सोनार, बर्ना और टन शामील है। इस क्षेत्र में रीवा, पन्ना, सतना, दमोह और सागर यह जिले आते है|

रीवा-पन्ना पठार के उत्तर पश्चिम में स्थित बुंदेलखंड, एक अन्य पठार है। इस क्षेत्र में बसे दतिया, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ और गुना तथा शिवपुरी जिलों से राज्य का उत्तरी भाग बना है। यह पठार उत्तर-पूर्व में विंध्य अथवा रीवा-पन्ना पठार की कुदरती ढाल से घिरा हुआ है। क्षेत्र की औसत ऊंचाई एमएसएल से ऊपर 350-450 मीटर है और इसकी सामान्य ढलान उत्तर की ओर है। बेतवा, धसन और जामनेर इस क्षेत्र में बहने वाली मुख्य नदियां है, जो अंत में यमुना में मिल जाती हैं। बुंदेलखंड पठार के पश्चिम में स्थित मध्य भारत, तिसरा पठार है। इस क्षेत्र में शिवपुरी, मुरैना और ग्वालियर जिले मौजूद हैं। इस पठार के पहाड़ी इलाक़े 150-450 मीटर की औसत ऊंचाई पर है और घाटियों में एमएसएल से ऊपर 450 मीटर की औसत ऊंचाई पर है। चंबल, काली सिंध और पार्वती, इस क्षेत्र में बहने वाली मुख्य नदियां हैं|

चौथे मालवा पठार में लगभग पूरा पश्चिमी मध्यप्रदेश शामिल हो जाता हैं। पठार के उत्तर में चंबल और दक्षिण में नर्मदा है। पर्वतमाला की औसत ऊंचाई एमएसएल से ऊपर 300-500 मीटर है। इस क्षेत्र में शाजापुर, देवास, इंदौर, उज्जैन, धार, रतलाम और सीहोर के कुछ हिस्से और झाबुआ जिला शामील है। मालवा पठार के पूर्वी किनारे पर भोपाल स्थित है। मालवा पठार से गुजरते हुए शिप्रा, पार्वती, काली सिंध, गंभीर और चंबल नदियों का प्रवाह बहता है। यह गंगा और नर्मदा के प्रवाह को भी अलग करती है। बेसाल्ट अपक्षय के परिणाम स्वरूप इस क्षेत्र की मिट्टी काली है।
सतपुड़ा-मैकल पर्वतमाला, नर्मदा-सोन घाटी के उत्तर-पूर्व में तथा दक्षिण और पूर्वी पठार क्षेत्र में स्थित है। छिंदवाड़ा, बैतूल, सिवनी, बालाघाट, मंडला और खंडवा तथा खरगोन जिलों के कुछ हिस्से सतपुड़ा-मैकल पर्वतमाला में बसे हुए है। इन मालाओं की औसत ऊंचाई 300 मीटर है, लेकिन वहाँ कुछ उच्च चोटियां भी हैं, जिनमे 1360 मीटर ऊंचाई वाला धूपगढ, राज्य की सबसे ऊंची चोटी है। दक्षिण में ढलान तेज है और उत्तरी किनारे पर सौम्य है।

अर्द्ध चक्र के रूप में फैला हुआ पूर्वी भाग अर्थात सतपुड़ा, पश्चिमी भाग से अधिक व्यापक है, जो मैकल पर्वतमाला के रूप में जाना जाता है। मैकल पर्वतमाला मे अमरकंटक पठार शामील है,, जो नर्मदा और सोन, दोनों नदियों का उद्गम है। जोहिला, मछेर्वा, देनवा और छोटी तवा इस क्षेत्र की अन्य नदियों है, जो नर्मदा में समा जाती है।

मैकल पर्वतमाला और छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्र के बीच बसे पूर्वी पठार क्षेत्र में बघेल खण्ड पठार बसा हुआ हैं, जो एमएसएल से ऊपर 1033 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
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मौसम

भारत के अन्य भागों की तरह, मध्यप्रदेश में भी तीन प्रमुख मौसम है – ग्रीष्म, मानसून और सर्दियां। गर्मियों के दौरान (मार्च-जून), पूरे राज्य का तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। सामान्य तौर पर मध्यप्रदेश के पश्चिमी भागों की तुलना में पूर्वी भाग अधिक गर्म हैं। मई महीने में ग्वालियर, मुरैना और दतिया जैसे क्षेत्रों में 42 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड होता है। अपेक्षाकृत नमी बहुत कम होती है और इस क्षेत्र में आम तौर पर अक्सर धूल के हल्के तूफान भी आते है। आमतौर पर मध्य जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून आ जाती है और जून से सितंबर के बीच पूरे राज्य में बारिश होती है। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व क्षेत्रों में भारी वर्षा होती है, जबकि उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों में कम वर्षा होती है। मंडला, बालाघाट, सीधी, जबलपुर और अन्य चरम पूर्वी भागों में 150 सेमी से अधिक वर्षा होती है। पश्चिमी मध्यप्रदेश के जिलों में 80 सेमी से भी कम वर्षा होती है।

सर्दियों का मौसम नवंबर के महीने से शुरू होता है। राज्य के दक्षिणी भागों की तुलना में उत्तरी भागों में तापमान कम रहता है। उत्तरी क्षेत्र के अधिकांश भाग में जनवरी महीने का दैनिक अधिकतम तापमान 15 और 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। मौसम आमतौर पर शुष्क और साफ आसमान के साथ सुखद रहता है।
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जनजीवन

मध्यप्रदेश की आबादी 7 करोड़ से अधिक है। इनमे से 75% से अधिक लोग गांवों में रहते है, जिनका मुख्य व्यवसाय खेती होता है, जबकि अन्य लोग शहरों में रहते है। हिंदूओं की आबादी सबसे अधिक है, जबकी अल्पसंख्यक समुदाय में मुसलमानों की संख्या अधिक है। मध्यप्रदेश राज्य की जनसंख्या का 20% से अधिक हिस्सा जनजातियों का हैं जो मुख्य रूप से राज्य के दक्षिणी, दक्षिणी-पश्चिमी और पूर्वी भागों में बसा हुआ है। निवास स्थान और भौगोलिक परिस्थितियों में परिवर्तन के कारण विभिन्न जातियों और जनजातियों के बीच प्रचलित सामाजिक रिवाज एक-दुसरे से अलग होते है। आय के लिए वे कृषि, वन उपज और स्थानीय कला पर निर्भर रहते हैं। बेहतर संचार और अर्थव्यवस्था में विकास के कारण आदिवासी का जीवन बदल रहा है।

बैगा स्वयं को द्रविड़ के वंशज मानते हैं और यह जनजाति मंडला, बालाघाट, शहडोल और सीधी जिलों में पायी जाती है। सहारीया मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में, ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, श्योपुर, विदिशा और रायसेन जिलों में रहते हैं। अधिकांश सहारीया किसान हैं। भरिया जनजाति मध्यप्रदेश के जबलपुर और छिंदवाड़ा जिलों में प्रमुखता से बसी हुई है। छिंदवाड़ा के पातालकोट में लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या भरिया की है। वे कृषि मजदूरों के रूप में काम करने के साथ बांस की सुंदर टोकरी और अन्य वस्तुएं बनाते है|

गोंड सबसे अधिक ज्ञात जनजाति है और मध्यप्रदेश में सबसे बडी संख्या में है। वे प्रमुखता से नर्मदा के दोनों तटों पर मण्डला, छिंदवाड़ा, बैतूल और सिवनी क्षेत्रों तथा विंध्य और सतपुड़ा क्षेत्रों के पहाड़ी इलाकों में निवास करते है। आगारिया, प्रधान, ओझन और सोलाहास, गोंड से उपजे आदिवासी गुट है, जिनकी राजगोंद और दातोलिया, यह दो उप जातियों है। दूसरी सबसे बड़ी जनजाति भील, झाबुआ, खरगौन, धार और रतलाम के आसपास के क्षेत्रों में बसी है। विरासत में मिली गुरिल्ला रणनीति और तीरंदाजी कौशल के कारण वे योद्धा माने जाते हैं।

पंचायत प्रमुख के रूप में सरपंच द्वारा कोरकू आदिवासी समुदाय प्रशासित होता है और वे मध्यप्रदेश के होशंगाबाद, बैतूल, छिंदवाड़ा, हरदा और खंडवा जिलों में पाए जाते हैं। संतिया मालवा की एक जनजाति है, जो खुद को मूल रूप से राजपूत मानती है। वे खानाबदोश रहना पसंद करते हैं। कोल, जो मुख्य रूप से श्रमिक वर्ग के है, वे रीवा, सीधी, सतना, शहडोल और जबलपुर जिलों में पाए जाते हैं। प्राचीन पुराणों और रामायण-महाभारत के प्रसिद्ध महाकाव्यों में भी इस जाति का उल्लेख मिलता है और वे बेहद धार्मिक तथा हिंदू पुराणों के कट्टर आस्तिक होते हैं। धनुक, पणीक तथा सौर जैसी कम ज्ञात जनजातियों का भी एक महत्वपूर्ण समूह है।
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भाषाएं

हिन्दी, मध्यप्रदेश की आधिकारिक भाषा है, जो सबसे व्यापक रूप में बोली जाती है और आसानी से राज्य के दूरस्थ हिस्सों में भी समझी जाती है। प्रमुख कस्बों और शहरों में बड़ी संख्या में रहनेवाले तथा व्यापार वर्ग के लोगों के लिए अंग्रेजी, दूसरी महत्त्वपूर्ण भाषा है। व्यापक रूप से आतिथ्य और सेवा उद्योग में लगे लोग इस भाषा का प्रयोग करते है। दुकानों और कार्यालयों के साइनबोर्ड समेत कई महत्त्वपूर्ण स्थानो पर हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओ के शब्दों का प्रयोग किया जाता है। मालवी, बुंदेली, बघेली, निमरी यह आमतौर पर बोली जानेवाली क्षेत्रीय बोलियों हैं। कई बोलियों में बाते की जाती हैं|
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अर्थव्यवस्था

मध्यप्रदेश, भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जो देश के 9.38% क्षेत्र पर बसा है और जो खनिज संसाधनों के मामले में भी दूसरा समृद्धतम राज्य है। मुख्यत: यहां कृषि और देहाती अर्थव्यवस्था है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जैसे अधिक अग्रिम जिलों में मुख्य रूप से औद्योगिक विकास केंद्रित हुआ है।

मध्यप्रदेश ने भारत के खनिज उत्पादन में बड़ा योगदान दिया है। भिलाई और छिन्दवाड़ा जिले में मैंगनीज के बड़े भंडार पाए जाते हैं। भारत के कुल बॉक्साइट उत्पादन मे से 45% उत्पादन, राज्य में जबलपुर, मंडला, शहडोल, सतना और रीवा जैसे महत्वपूर्ण बॉक्साइट उत्पादन केन्द्रों से प्राप्त होता है। बालाघाट, जबलपुर और मंडला जिलों में लौह अयस्क पाया जाता हैं। मध्यप्रदेश राज्य के पूर्वोत्तर और सतपुड़ा क्षेत्रों में कोयले का समृद्ध भंडार है। पन्ना और छत्तीसगढ जिलों में हीरे का उत्पादन देनेवाला मध्यप्रदेश, भारत में हीरे का उत्पादन लेनेवाला इकलौता राज्य है।
राज्य के कुल क्षेत्रफल मे से 30% से अधिक क्षेत्र पर जंगल छाया हुआ है। बालाघाट, मण्डला, शहडोल, सीधी जैसे पूर्वी जिलों में घने वन है। सागौन, साल, बांस और तेंदू के पेड यहां बडी संख्या में पाए जाते है। यहां के ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय खेती है और सोयाबीन, गेहूं और ज्वार (सोरघम) मुख्य फसलें हैं। कई हिस्सों में धान और बाजरा भी बोया जाता है। दलहन, अनाज और मूंगफली भी उगाए जाते हैं। नकदी फसलों मे कपास, गन्ना और तिलहन शामील हैं।एखा
 मंदसौर, देश में सबसे बड़ा अफीम उत्पादक जिला है|

नर्मदा, चंबल, ताप्ती, बेतवा, सोन, शिप्रा, काली सिंध और तवा जैसी प्रमुख नदियों पर भूमि की सिंचाई निर्भर है। चंबल और नर्मदा घाटी में पनबिजली उत्पादन की अच्छी क्षमता हैं। तापीय और पन बिजली उत्पादन के अलावा, अन्य कई पारंपरिक और गैर पारंपरिक बिजली परियोजनाएं कई जगह और प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं। वर्तमान में 80 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी सड़क बनी हुई है, जो लगातार बढ़ रही है। कम्युनिकेशन्स भी अच्छी तरह से विकसित हो रहे हैं|
भारत के विभिन्न भागों को जोड़ने वाला रेल मार्ग मध्यप्रदेश से गुजरता है। यह राज्य दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, नागपुर, बेंगलूर, हैदराबाद, चेन्नई जैसे सभी प्रमुख शहरों के हवाई अड्डों से भी जुडा हुआ है। राज्य में बीएसएनएल और अन्य निजी ऑपरेटरों द्वारा टेलीफोन और सेल्युलर सेवा प्रदान की जा रही है तथा इंटरनेट भी आसानी से उपलब्ध है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिलों में ज्यादातर बड़े उद्योग हैं। राज्य में आज सीमेंट, चीनी, कागज, कपड़ा, स्टील, सोया, वाहन और दवाए प्रमुख उद्योग हैं। भोपाल में बीएचईएल, जबलपुर में सरकारी आयुध निर्माणी, देवास में करन्सी प्रिंटिंग प्रेस, नीमच में उपक्षार फैक्टरी तथा भोपाल में रेल कोच फैक्टरी जैसे केन्द्र सरकार के उल्लेखनीय संगठन राज्य में कामयाब रहे हैं। राज्य में खनिज विकास, कृषि और वन आधारित उद्योग औद्योगिक उत्पादन का मुख्य आधार रहे है।

मध्यप्रदेश में प्रमुख पर्यटन स्थल बनने की विशाल क्षमता और संसाधनों मौजूद है। राज्य में ऐतिहासिक, पुरातात्विक, वास्तु और तीर्थयात्रा की दृष्टी से महत्वपूर्ण अनेक स्मारकों है। यहां के जंगल, वन्य जीवन से समृद्ध है। अपने केंद्रीय स्थान और आसानी से पहुंच के कारण यह राज्य, पर्यटन एक प्रमुख आकर्षण बनता जा रहा है।

मध्यप्रदेश का इतिहास "अतुल्य भारत का हृदय"

किसी देश या राज्य की भौगोलिक स्थिति, उस स्थान की ऐतिहासिक घटनाओं और आर्थिक विकास को बहुत अधिक प्रभावित करती है। यह अपने नागरिकों और उनके व्यवहार के दृष्टिकोण को भी प्रभावित करती है। भौगोलिक रूप से देश के केंद्रीय स्थान पर स्थित मध्यप्रदेश, वास्तव में भारत के हृदय समान है।.

अपने केंद्रीय स्थान के कारण इस क्षेत्र पर सभी ऐतिहासिक धाराएं, स्वाभाविक रूप से अपने सुस्पष्ट निशान छोड़ गई। प्रागैतिहासिक काल पत्थर युग से शुरू होता है, जिसके गवाह भीमबेटका, आदमगढ, जावरा, रायसेन, पचमढ़ी जैसे स्थान है। हालांकि राजवंशीय इतिहास, महान बौद्ध सम्राट अशोक के समय के साथ शुरू होता है, जिसका मौर्य साम्राज्य मालवा और अवंती में शक्तिशाली था। कहा जाता है कि राजा अशोक की पत्नी विदिशा से थी, जो आज के भोपाल की उत्तर में स्थित एक शहर था। सम्राट अशोक की मृत्यु के बाद मौर्य साम्राज्य का पतन हुआ और ई. पू. तीन से पहली सदी के दौरान मध्य भारत की सत्ता के लिए शुंग, कुशान, सातवाहन और स्थानीय राजवंशों के बीच संघर्ष हुआ। ई. पू. पहली शताब्दी में उज्जैन प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र था। गुप्ता साम्राज्य के दौरान चौथी से छठी शताब्दी में यह क्षेत्र उत्तरी भारत का हिस्सा बन गया, जो श्रेष्ठ युग के रूप में जाना जाता है। हूणों के हमले के बाद गुप्त साम्राज्य का पतन हुआ और उसका छोटे राज्यों में विघटन हो गया। हालांकि, मालवा के राजा यशोधर्मन ने ई. सन 528 में हूणों को पराभूत करते हुए उनका विस्तार समाप्त कर दिया। बाद में थानेश्वर के हर्षा ने अपनी मृत्यु से पहले ई.सन 647 तक उत्तरी भारत को फिर से एक कर दिया। मध्ययुगीन राजपूत काल में 950 से 1060 ई.सन के दौरान मालवा के परमरस और बुंदेलखंड के चंदेल जैसे कुलों का इस क्षेत्र पर प्रभुत्व रहा। भोपाल शहर को नाम देनेवाले परमार राजा भोज ने इंदौर और धार पर राज किया। गोंडवना और महाकौशल में गोंड राजसत्ता का उदय हुआ। 13 वीं सदी में, दिल्ली सल्तनत ने उत्तरी मध्यप्रदेश को हासील किया था, जो 14 वीं सदी में ग्वालियर की तोमर और मालवा की मुस्लिम सल्तनत (राजधानी मांडू) जैसे क्षेत्रीय राज्यों के उभरने के बाद ढह गई।
1156-1605 अवधि के दौरान, वर्तमान मध्यप्रदेश का संपूर्ण क्षेत्र मुगल साम्राज्य के तहत आया, जबकि गोंडवाना और महाकौशल, मुगल वर्चस्व वाले गोंड नियंत्रण के तहत बने रहे, लेकिन उन्होने आभासी स्वायत्तता का आनंद लिया। 1707 में औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगल नियंत्रण कमजोर हो गया, जिसके परिणाम स्वरूप मराठों ने विस्तार करना शुरू किया और 1720-1760 के बीच उन्होने मध्यप्रदेश के सबसे अधिक हिस्से पर नियंत्रण स्थापित कर लिया। इंदौर में बसे अधिकतर मालवा पर होलकर ने शासन किया, ग्वालियर पर सिंधिया ने तथा नागपुर द्वारा नियंत्रित महाकौशल, गोंडवाना और महाराष्ट्र में विदर्भ पर भोसले ने शासन किया। इसी समय मुस्लिम राजवंश के अफगान के जनरल दोस्त मोहम्मद खान के वंशज भोपाल के शासक थे। कुछ ही समय में ब्रिटिशो ने बंगाल, बंबई और मद्रास जैसे अपने गढ़ों से अधिराज्य का विस्तार किया। उन्होने 1775-1818 में मराठों को पराजित किया और उनके राज्यों के साथ संधि कर उनपर सर्वोपरिता स्थापित की। मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल, नागपुर, रीवा जैसे बड़े राज्यों सहित अधिकांश छोटे राज्य ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन आ गए। 1853 में ब्रिटिशो ने नागपुर के राज्य पर कब्जा कर लिया, जिसमे दक्षिण-पूर्वी मध्यप्रदेश, पूर्वी महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शामिल था, जो 1861 में मध्य प्रांत के निर्माण हेतु सौगोर और नेरबुड्डा आतंकीयों के साथ जुडे हुए थे। उत्तरी मध्यप्रदेश के राजसी राज्य सेंट्रल इंडिया एजेंसी द्वारा संचालित किए जाते थे।
1947 में भारत की आजादी के बाद, 26 जनवरी, 1950 के दिन भारतीय गणराज्य के गठन के साथ सैकड़ों रियासतों का संघ में विलय किया गया था। राज्यों के पुनर्गठन के साथ सीमाओं को तर्कसंगत बनाया गया। 1950 में पूर्व ब्रिटिश केंद्रीय प्रांत और बरार, मकाराई के राजसी राज्य और छत्तीसगढ़ मिलाकर मध्यप्रदेश का निर्माण हुआ तथा नागपुर को राजधानी बनाया गया। सेंट्रल इंडिया एजेंसी द्वारा मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल जैसे नए राज्यों का गठन किया गया। राज्यों के पुनर्गठन के परिणाम स्वरूप 1956 में, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्यों को मध्यप्रदेश में विलीन कर दिया गया, तत्कालीन सी.पी. और बरार के कुछ जिलों को महाराष्ट्र में स्थानांतरित कर दिया गया तथा राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में मामूली समायोजन किए गए। फिर भोपाल राज्य की नई राजधानी बन गया। शुरू में राज्य के 43 जिले थे। इसके बाद, वर्ष 1972 में दो बड़े जिलों का बंटवारा किया गया, सीहोर से भोपाल और दुर्ग से राजनांदगांव अलग किया गया। तब जिलों की कुल संख्या 45 हो गई। वर्ष 1998 में, बड़े जिलों से 16 अधिक जिले बनाए गए और जिलों की संख्या 61 बन गई। नवंबर 2000 में, राज्य का दक्षिण-पूर्वी हिस्सा विभाजित कर छत्तीसगढ़ का नया राज्य बना। इस प्रकार, वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य अस्तित्व में आया, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और जो 308 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र पर फैला हुआ है|

मध्य प्रदेश राज्य की परीक्षाओं के विशेष महत्वपूर्ण तथ्य

मुख्यमंत्री – श्री शिवराज सिंह चौहान
राज्यपाल – श्री राम नरेश यादव
राज्य की राजधानी – भोपाल
राज्य की भाषा – हिन्दी
गठन – 1 नवंबर, 1956
कुल जिले – 51
राज्य का राजकीय पक्षी – दूधराज
राज्य का राजकीय पशु – बारहसिंहा
राज्य का राजकीय पुष्प – लिली
राज्य का राजकीय फल – आम
राज्य का राजकीय वृक्ष – बरगद
साक्षरता दर – 69.3%
पुरुष साक्षरता दर – 78.7%
महिला साक्षरता दर – 59.2%
लोकसभा सीटों की संख्या – 29
राज्यसभा सदस्यों की संख्या – 11
विधानसभा सीटों की संख्या – 230
राज्य का जनघनत्व – 236 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
कुल जनसंख्या (वर्ष 2011 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार) – 7,26,26,809
पुरुष जनसंख्या – 3,76,12,306
महिला जनसंख्या – 3,50,14,503
दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर – 20,30%
सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला – इंदौर
न्यूनतम जनसंख्या वाला जिला – हरदा
सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला – बालाघाट
न्यूनतम लिंगानुपात वाला जिला – भिंड
सर्वाधिक जनघनत्व वाला जिला – भोपाल
न्यूनतम जनघनत्व वाला ​जिला – डिंडोरी
सर्वाधिक साक्षरता दर वाला जिला – जबलपुर
न्यूनतम साक्षरता दर वाला जिला – अलीराजपुर
सर्वाधिक पुरुष साक्षरता दर वाला जिला – जबलपुर/इंदौर
न्यूनतम पुरुष साक्षरता दर वाला जिला – अलीराजपुर
सर्वाधिक महिला साक्षरता दर वाला जिला – भोपाल
न्यूनतम महिला साक्षरता दर वाला जिला – अलीराजपुर
सर्वाधिक नगरीय जनसंख्या प्रतिशत वाला जिला – भोपाल
न्यूनतम नगरीय जनसंख्या प्रतिशत वाला जिला – डिंडोरी
सर्वाधिक अनुसूचित जाति (SC) प्रतिशतता वाला जिला – उज्जैन
न्यूनतम अनुसूचित जाति प्रतिशतता वाला जिला – झाबुआ
सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति प्रतिशतता वाला जिला – अलीराजपुर
न्यूनतम अनुसूचित जनजाति वाला जिला – भिंड
सर्वाधिक शिशु जनसंख्या वाले दो जिले हैं – इंदौर एवं धार
न्यूनतम शिशु जनसंख्या वाले दो जिले हैं – हरदा एवं अनूपपुर
सर्वाधिक तथा न्यूनतम दशकीय वृद्धि दर वाले दो-दो जिले क्रमश: – इंदौर व झाबुआ और अनुपपुर व बैतूल
सर्वाधिक तथा न्यूनतम अनुसूचित जाति की जनंसख्या क्रमश: – इंदौर और झाबुआ
भारत में जनसंख्या के आधार पर मध्य प्रदेश का स्थान – छठा
साक्षरता दर के मामले में राज्य का देश में स्थान – 28वां
महिला साक्षरता में राज्य का स्थान – 28वां
राज्य में औसत लिंगानुपात – 931 (महिला प्रति हजार पुरुष)
मध्य प्रदेश में शिशु लिंगानुपात – 918
मध्य प्रदेश के उस जिले का नाम जिसका लिंगानुपात राज्य के लिंगानुपात के बराबर है – रीवा जिला (930)
निम्नतम शिशु लिंग अनुपात जिला – मुरैना
उच्चतम शिशु लिंग अनुपात वाला जिला – अलीराजपुर
क्षेत्रफल – 3,08,252 वर्ग किमी.
क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का स्थान – दूसरा
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला – छिन्दवाड़ा
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला – दतिया
प्रदेश का सबसे बड़ा शहर – इंदौर
सीमावर्ती राज्य – पूर्व में छत्तीसगढ़ पश्चिम में राजस्थान और गुजरात, उत्तर में उत्तर प्रदेश तथा दक्षिण में महाराष्ट्र
प्रदेश की अधिकतम सीमा से जुड़ने वाला राज्य – उत्तर प्रदेश (10 जिलों में)
न्यूनतम सीमा से जुड़ने वाला राज्य – गुजरात
मध्य प्रदेश की दक्षिणी सीमा से जुड़ने वाली नदी – ताप्ती
मध्य प्रदेश की उत्तरी सीमा से जुड़ने वाली नदी – चम्बल
मध्य प्रदेश के मध्य से गुजरने वाली रेखा – कर्क रेखा
मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्ममंत्री – श्री रविशंकर शुल्क
राज्य के प्रथम राज्यपाल – पट्टाभि सीतारमैया
प्रथम विश्वविद्यालय – डॉ. हरिसिंह गौर (सागर)
प्रथम बायोस्फीयर रिजर्व – पचमढ़ी
प्रथम जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान – मण्डला
राज्य का प्रथम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा – भोपाल
‘झीलों का शहर’ उपनाम से जाना जाने वाला शहर – भोपाल
प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन जिसे सतपुड़ा की रानी कहा जाता है – पचमढ़ी
मध्य प्रदेश में सड़कों की कुल लंबाई – 73,311 किमी.
मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन – इटारसी
मध्य प्रदेश में रेल सेवा विभाग का मुख्यालय – भोपाल
मध्य प्रदेश में कुल हवाई अड्डे – 5 (खजुराहो, ग्वालियर, भोपाल, इन्दौर एवं जबलपुर)
1 नवंबर, 2000 को मध्य प्रदेश में अलग होकर बनने वाला राज्य – छत्तीसगढ़
मध्य प्रदेश के प्रमुख लोकगीत – आल्हा, कलगी, तुर्रा, नागपन्थी, गायन, भरथरी इत्यादि
मध्य प्रदेश के प्रमुख लोकनृत्य – गणगौर, काटी, फेफारिया, आड़ा-खाड़ा नाच, डंडा नाच, मटकी नाच, रजवाड़ी, राई नृत्य, खैरा नृत्य, कानड़ा नृत्य इत्यादि
मध्य प्रदेश में सर्वाधिक बोली जाने वाली बोली – बुन्देलखंडी
मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियां – नर्मदा, चम्बल, सोन, ताप्ती व बेतवा
मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी – नर्मदा
भारत की 5वीं सबसे बड़ी नदी – नर्मदा
राज्य की प्रमुख जनजातियां – गोण्ड भील, बैगा, कोरकू, भारिया, कोल, हल्बा, सहारिया, सउर, खैखार, पनिका, केवार इत्यादि
प्रदेश की प्रमुख फसलें – चावल, गेहूं, ज्वार, चना, सोयाबीन, गन्ना व कपास
राज्य की प्रमुख व्यापारिक फसल – सोयाबीन
राज्य के प्रमुख टाइगर रिजर्व – कान्हा, पन्ना, बाधवगढ़ पेंच, सतपुड़ा
मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान – कान्हा किसली, माधव, बांधवगढ़, पन्ना, सतपुड़ा, वन विहार, सोन, नरसिंह गढ़ इत्यादि
मध्य प्रदेश का पहला राष्ट्रीय उद्यान – कान्हा किसली
राज्य में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज – ग्रेफाइट, अभ्रक, ​शीशा, बॉक्साइट, तांबा, संगमरमर, चूना पत्थर, कोयला, घीया पत्थर, स्लेट इत्यादि
राज्य का उच्च न्यायालय – जबलपुर
मध्य प्रदेश का हीरा, डायस्फोर, पाइरोफिलाइट तथा तांबा, अयस्क के उत्पादन में देश में स्थान – प्रथम
मध्य प्रदेश में वन क्षेत्र का प्रतिशत – 31%
राज्य में सर्वाधिक आरक्षित वन – उज्जैन
राज्य में सबसे कम आरक्षित वन – राजगढ़
राज्य में सबसे अधिक वन वाला जिला – बालाघाट जिला
राज्य में सबसे कम वन वाला जिला – शाजापुर जिला
वनों का राष्ट्रीयकरण (1970) करने वाला प्रथम राज्य – मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश का न्यूज प्रिन्ट कारखाना – नेपानगर
मध्य प्रदेश में राज्य सतर्कता आयोग की स्थापना – 1 मार्च, 1964
राज्य में मानवाधिकार आयोगा का गठन – दिसंबर 1994
प्रदेश में राज्य वित्त आयोग का गठन – दिसंबर 1994
राज्य में जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी स्थित है – सागर में
पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला राज्य – मध्य प्रदेश
राज्य का प्रथम रत्न परिष्कृत केंद्र – जबलपुर
राज्य का पहला विशेष आर्थिक जोन – इंदौर
राज्य में तेल शोधक कारखाना – बीना (सागर)
राज्य का सबसे बड़ा अभयारण्य – नौरोदेही
राज्य का सबसे छोटा अभयारण्य – राला मण्डल
राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान – वन बिहार
खनिज उत्पादन में मध्य प्रदेश का स्थान – तृतीय
राज्य में क्रिस्टल आई टी पार्क की स्थापना – इंदौर
राज्य में ऑप्टिकल फाइबर का कारखाना – मण्डीद्वीप
अल्कोहल एंड कार्बन डाई-ऑक्साइड प्लांट – रतलाम
करेंसी प्रिंटिंग प्रेस – देवास
सिक्योरिटी पेपर मिल – होशंगाबाद
रेलवे कोच फैक्ट्री – भोपाल
राज्य में सर्वाधिक उद्योग वाला जिला – पीथमपुरा (धारा जिला)
सबसे कम उद्योग वाला जिला – पन्ना जिला
राज्य में सर्वाधिक पवन चक्की – इंदौर
राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थल – कान्हा किसली, महेश्वर, खजुराहो, ग्वालियर का किला, सांची स्तूप, पचमढ़ी, भीमबेटका, माण्डू, बांधवगढ़, इत्यादि
राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल – चित्रकूट, उज्जैन इत्यादि

भारत के प्रमुख व्यक्ति और उनके समाधि स्थलों की सूची: (Crematorium of Famous Personalities of India in Hindi)

  भारत के प्रमुख व्यक्ति और समाधि स्थलों की सूची: व्यक्ति का नाम समाधि स्थल का नाम इंदिरा गांधी (भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री) शक्ति स्थल...